इब्तिदा है किसी कहानी की
- सरवत हुसैन
हो न जाए कहीं अंजाम से पहले अंजाम
इस कहानी को इसी तौर से चलने देंगे
- अम्बरीन सलाहुद्दीन
मेरे जिस्म के अंदर ही
शायद मेरा क़ातिल था
- शाहिद अज़ीज़
तेरी सूरत तो कहती है क़ातिल
ख़ुद तिरा इम्तिहान है गोया
- जलील मानिकपूरी
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