Friday, July 17, 2020

रूमानी शायरी

न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
- बशीर बद्र


दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
- नासिर काज़मी


दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
- नासिर काज़मी


हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएंगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
- क़तील शिफ़ाई


हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
- क़तील शिफ़ाई


तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूं अगर बुरा न लगे
- क़ैसर-उल जाफ़री

इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे
- बशीर बद्र


सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं
हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं
- दाग़ देहलवी

सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूं मैं
ख़ुद बना लेती है होंटों पर हंसी अपनी जगह
- अनवर शऊर


इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस सेट
मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते
- फ़रहत एहसास

No comments: