Wednesday, July 29, 2020

धूप को देता हूँ तन अपना झुलसने के लिए

जो भी मिल जाता है घर-बार को दे देता हूँ 
या किसी और तलबगार को दे देता हूँ 

धूप को देता हूँ तन अपना झुलसने के लिए 
और साया किसी दीवार को दे देता हूँ 

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