Friday, July 17, 2020

सोचा नहीं था कभी.. ..इतनी सुकून भरी होगी ।

सोचा नहीं था कभी,
आसमान से गिरती ये बूंदे..
इतनी सुकून भरी होगी ।
सोचा नहीं था कभी,
पेड़ो पर बैठी ये चिड़िया..
आंखो को इतना लुभाएंगी ।
सोचा नहीं था कभी,
ये पौधों की साधरण पत्तियां भी..
ख़ुद में एक बगीचे सी लगेगी ।
सोचा नहीं था कभी,
ये ज़िन्दगी के कुछ ख़ास लम्हें..
यूँ बिछड़कर सिर्फ़ यादों में सिमटकर रह जाएंगे।।

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