Wednesday, July 29, 2020

पत्थर शायरी

आज कुआं भी चीख़ उठा है
किसी ने पत्थर मारा होगा
- साहिल अहमद


इस दर का हो या उस दर का हर पत्थर पत्थर है लेकिन
कुछ ने मेरा सर फोड़ा हैं कुछ पर मैं ने सर फोड़ा है
- ज़ुबैर अली ताबिश


मारो पत्थर भी तो नहीं हिलता
जम चुका है अब इस क़दर पानी
- नीना सहर


कितने दिल थे जो हो गए पत्थर
कितने पत्थर थे जो सनम ठहरे
- शायर लखनवी


एक ख़बर है तेरे लिए
दिल पर पत्थर भारी रख
- अमीर क़ज़लबाश


पहला पत्थर याद हमेशा रहता है
दुख से दिल आबाद हमेशा रहता है
- साबिर वसीम

पत्थर होता जाता हूं
हंसने दो या रोने दो
- नज़ीर क़ैसर


पत्थर न बना दे मुझे मौसम की ये सख़्ती
मर जाएं मिरे ख़्वाब न ताबीर के डर से
- पिन्हां

पथराए पथराए चेहरे
आंखें पत्थर आंसू पत्थर
- यज़दानी जालंधरी


चांद भी पत्थर झील भी पत्थर
पानी भी पत्थर लगता था
- नासिर काज़मी

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