दिल बस अब ज़ख़्म नया चाहता है
- शकील जमाली
मयस्सर से ज़ियादा चाहता है
समुंदर जैसे दरिया चाहता है
- अकरम नक़्क़ाश
इक सफ़र में कोई दो बार नहीं लुट सकता
अब दोबारा तिरी चाहत नहीं की जा सकती
- जमाल एहसानी
मसअला ख़त्म हुआ चाहता है
दिल बस अब ज़ख़्म नया चाहता है
- शकील जमाली
मयस्सर से ज़ियादा चाहता है
समुंदर जैसे दरिया चाहता है
- अकरम नक़्क़ाश
मैं रोना चाहता हूँ ख़ूब रोना चाहता हूँ मैं
फिर उस के बाद गहरी नींद सोना चाहता हूँ मैं
- फ़रहत एहसास
हम चाहते थे मौत ही हम को जुदा करे
अफ़्सोस अपना साथ वहाँ तक नहीं हुआ
- वसीम नादिर
सौ बार जिस को देख के हैरान हो चुके
जी चाहता है फिर उसे इक बार देखना
- सबा अकबराबादी
कुछ इस तरह से याद आते रहे हो
कि अब भूल जाने को जी चाहता है
- अख़्तर शीरानी
क्या बताऊँ कि कितनी शिद्दत से
तुम से मिलने को चाहता है जी
- इफ़्तिख़ार राग़िब
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