Saturday, July 11, 2020

मै फूल हूँ तो फिर तेरे बालो में क्यों नही

जो तेरे साथ रहते हुए सौ गवार हो
लानत हो ऐसे शख़्स पे बेशुमार हो

अब इतनी देर भी ना लगा आने में
ये न हो तू आ चुका हो तेरा इंतज़ार हो

मै फूल हूँ तो फिर तेरे बालो में क्यों नही
तू तीर है तो मेरे कलेजे के पार हो...

तहज़ीब हाफी 

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