झूठ से, सच से, जिससे भी यारी रखें,
आप तो अपनी तक़रीर जारी रखें!
इन दिनों आप मालिक है बाजार के,
जो भी चाहें वो कीमत हमारी रखें!
आप तो अपनी तक़रीर जारी रखें!
इन दिनों आप मालिक है बाजार के,
जो भी चाहें वो कीमत हमारी रखें!
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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