सितम की चाल सितम की अदा सितम की निगाह,
तिरे सितम का सितमगर कोई हिसाब भी है!
जला के मेरे दिल में इश्क़ ए आग,
अब मुझसे ही आब मांगते है,
सितम भी करते है,
और सवाब मांगते है।
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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