Wednesday, March 27, 2019

मर्ज़-ए-मुहब्बत


ख़ुमार-ए-इश्क़ से बेहतर मिज़ाज भी नहीं कोई,
मर्ज़-ए-मुहब्बत का मगर, इलाज भी नहीं कोई!

No comments: