Thursday, March 14, 2019

जैसे इश्तिहार कोई

दिल में चुभने लगा है खार कोई,
पड़ गई है कहीं दरार कोई!
मुझको पढ़कर वो ऐसे भूल गया,
जैसे कागज़ पे इश्तेहार कोई!

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