आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
लफ्जों में मेरे, तेरा असर जरूर मिलेगा! तेरा नाम ना भी मिले, तेरा जिक्र जरूर मिलेगा!!
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