है समंदर को सफ़ीना कर लिया,
हमने यूँ आसान जीना कर लिया.
अब नहीं है दूर मंजिल सोचकर,
साफ़ माथे का पसीना कर लिया.
आपने अपना बनाकर हमसफ़र,
एक कंकर को नगीना कर लिया.
हँस के नादानों के पत्थर खा लिए,
घर को ही मक्का मदीना कर लिया.
हमने यूँ आसान जीना कर लिया.
अब नहीं है दूर मंजिल सोचकर,
साफ़ माथे का पसीना कर लिया.
आपने अपना बनाकर हमसफ़र,
एक कंकर को नगीना कर लिया.
हँस के नादानों के पत्थर खा लिए,
घर को ही मक्का मदीना कर लिया.
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