Thursday, March 7, 2019

आसान जीना कर लिया

है समंदर को सफ़ीना कर लिया,
हमने यूँ आसान जीना कर लिया.

अब नहीं है दूर मंजिल सोचकर,
साफ़ माथे का पसीना कर लिया.

आपने अपना बनाकर हमसफ़र,
एक कंकर को नगीना कर लिया.

हँस के नादानों के पत्थर खा लिए,
घर को ही मक्का मदीना कर लिया.

No comments: