आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
फैसला कर लिया था उनसे कभी मिलेंगे नही, फिर आँखों ने उनके साथ होने का ख़्वाब दिखा दिया।
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