Thursday, March 7, 2019

कभी हकीक़त में भी

कभी हकीक़त में भी आओ,
हमारी ज़िन्दगी में ज़रा!
न जाने कब से लफ़्ज़ों से,a
तुम्हारी तस्वीर बनाये बैठे है!

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