Wednesday, March 27, 2019

अपना ग़म ले के कहीं और न जाया जाये

अपना ग़म ले के कहीं और न जाया जाये,
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये !

जिन चिराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं,
उन चिराग़ों को हवाओं से बचाया जाये!

घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये!

~ निदा फाज़ली

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