Thursday, August 24, 2023

मुझे बिखरा हुआ पाओगी

रात के अंधेरे में खोया हुआ पाओगी।

ढूंढना कभी तुम मुझे धड़कने सताएंगी।। 

हम न मिलें तो चिराग़ जला लेना तुम। 
पूछना चिरागों से किताबें नजर आयेंगी।। 
अगर आवाज दे कोई खोल कर देख लेना। 
तन्हा हो अभी तुम खामोशी भी रुलाएगी।। 
लगे धूल हाथों में कोई निशान बना देना। 
बेताबी दिल में आंसुओं से भीग जाओगी।। 
जाना तुम चिराग़ के पास लौ को देखना। 
रखना तुम हाथ मुझे जलती हुई पाओगी।। 
आएगी याद तो पत्थर दिल बना लेना। 
देखोगी आईना मुझे बिखरा हुआ पाओगी।। 

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