मंज़िल ज़रूर मिलेगी
तुम चलो तो सही!
बहारें सहरा में भी ज़रूर मिलेंगी,
तुम चलो तो सही!
तोड़ेगा कोई हौंसला, उड़ाएगा कोई हँसी।
खुद पर भरोसा रख, सुबह ज़रूर मिलेगी,
तुम चलो तो सही!
भूलकर आज के ग़म,बस बढ़ता चल!
मुस्कुराहट जीत की,
तुम्हारे चेहरे पर,
ज़रूर खिलेगी।
तुम चलो तो सही!
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