तेरी कोई खोज नहीं है, तेरा दर्शन कठिन नहीं है,
तू मेरे पीछे से हट जा मुझे कुछ भी छिपा नहीं है ।
मैं मीरा की तड़प खोजता बिष का प्याला पीकर,
शबरी का मैं प्रेम खोजता झूठे बेर खिलाकर ।
मैं कबीर का ज्ञान खोजता साखी सबद रमैनी पढ़कर,
तुलसी की भक्ति को खोजता मानस की चौपाई पढ़कर ।
गौतम की करुणा को खोजता हंसों के जोड़े पर रोकर,
देवव्रत का शौर्य खोजता कांटों की सैया पर सोकर ।
नानक की वाणी को खोजता गुरु ग्रंथ साहिब पढ़कर,
श्री कृष्ण का योग खोजता गीता की वाणी को सुनकर ।
No comments:
Post a Comment