मिजाज़ तेरा भी हमने न कभी जाना है,
ऐ दोस्त तुमको हमने न कभी पहचाना है.
कहां जाकर दिल को समझाएं
मेरी गुजारिश पे तुझे ऐतबार नहीं
किस्सा ए जुनून नहीं जाना है.
खो जाते हैं तेरी यादों की रंगीन फुवार में,
तुमने भी हाल ए गम मेरा नहीं जाना है.
आओ करीब अब चलें चमन में
जश्न ए याद ए यार शुमार करें
तुमने मेरा रंज ए आशना नही जाना है.
No comments:
Post a Comment