Thursday, August 24, 2023

याद है मुझे आज भी

याद है मुझे आज भी

मेरा वो पहला प्यार 
स्कूल का बड़ा सा मैदान 
दिवस था वो सोमवार 

खेल रही थी तुम 
सखियों संग आंख मिचौली 
खिलखिलाते देख तुम्हें 
मन में समा गई सूरत अति भोली 

फिर तो मिलना हुआ कई बार 
आंखों ही आंखों में 
एक दूजे के लिए 
प्यार था बेशुमार 

वादा न भूलने भुलाने का किया 
मुहब्बत की डोर से बंधे रहेंगे सदा 
फिर उस अशुभ घड़ी में कर विष पान 
क्यों हो गई मुझसे तुम यूं जुदा 

अभी तलक हूं असमंजस में 
बिन संवाद तुम हो गई शांत 
कैसे करूं प्यार का इजहार 
मन अब भी रहता है अशांत

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