Wednesday, August 23, 2023

ज़िंदगी दर्द के सिवा क्या है

ज़िंदगी दर्द के सिवा क्या है

क्या पता आगे रास्ता क्या है। 

बात मीठी सी कर रहे हैं सब 
आदमी को यहां हुआ क्या है। 

दिख रहा हर बसर है जल्दी में 
बात क्या है ये माजरा क्या है। 

लोग मेरे सजा को हैं बेकल 
पर बताते नहीं ख़ता क्या है। 

दुख ही दुख तो फ़कत नहीं क़िस्मत 
फिर भी दुख हो न तो मज़ा क्या है। 

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