Thursday, August 31, 2023

हठ जिद

 वो अपनी हठ पर कायम नही रहे

और चाहते मेरी जिद भी नही रहे
कुछ-कुछ बेशर्म होते जा रहे जान
कहने लगे लोग मगर मान नही रहे
परछाई सी रहती रही मैं अब नही
सदमे के मारे मगर बीमार नही रहे
अब रंजिश भी करे तो किससे हम
मेरे दिलबर 'उपदेश' खुद नही रहे

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