जानता हूं मसला ये हल नहीं होगा
वो शख्स तेरे साथ हर पल नहीं होगा
उस शख्स ने मिलने बुलाया है कल तुझको
तुू खाब देख बस अब कल नहीं होगा
कर लिया भरोसा फिर से आंख मूंदकर
क्या भरोसा है के अब छल नहीं होगा
खोदकर के दिल दरद का बीज लगाया है
इस पेड़ पर कभी भी मीठा फल नहीं होगा
ऐ दोस्त मौत से अब यारी करनी है
याद रखना रिश्ता ये सरल नहीं होगा
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