बस फिर वही बिखेर जाते हैं जिंदगी...
पूरी करनी है ये यात्रा साथ मिल के साथी!!
बीच सफ़र में कही हाथ छोड़ ना देना साथी!!
अनजान कही दूर चाहता हूँ एक ठहराव साथी!!
बाते मेरी सुन कही मौत ही ना आ जाये साथी!!
आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
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