Monday, April 27, 2020

ख़्वाब में रात हम ने क्या देखा

ख़्वाब में रात हम ने क्या देखा 
आँख खुलते ही चाँद सा देखा 

कियारियाँ धूल से अटी पाईं 
आशियाना जला हुआ देखा 

फ़ाख़्ता सर-निगूँ बबूलों में 
फूल को फूल से जुदा देखा 

उस ने मंज़िल पे ला के छोड़ दिया 
उम्र भर जिस का रास्ता देखा 

हम ने मोती समझ के चूम लिया 
संग-रेज़ा जहाँ पड़ा देखा 

कम-नुमा हम भी हैं मगर प्यारे 
कोई तुझ सा न ख़ुद-नुमा देखा 

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