फूल खिला था तन्हा तन्हा चाँद उगा था तन्हा तन्हा
- ग्यान चन्द
जग में आ कर इधर उधर देखा
तू ही आया नज़र जिधर देखा
- ख़्वाजा मीर दर्द
कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले
- कैफ़ भोपाली
माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है
आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है
- अंजुम सलीमी
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