गलतफहमियों के किस्से इतने दिलचस्प हैं,
कि हर ईटँ सोचती है कि दीवार मुझपे टिकी है!
Saturday, April 28, 2018
Tuesday, April 24, 2018
उम्मीदें
कभी उम्मीदें उधड़ जायें तो,
बेझिझक चले आइयेगा।
हम हौसलों के दर्जी हैं,
मुफ़्त में रफ्फ़ू करते हैं।।
Saturday, April 14, 2018
छोटी छोटी खुशियाँ
छोटी छोटी खुशियाँ ही तो,
जीने का सहारा बनती है ।
ख्वाहिशों का क्या वो तो,
पल पल बदलती है ।।
Saturday, April 7, 2018
Thursday, April 5, 2018
थोड़ा सा गुरूर
थोडा सा गुरूर भी ज़रूरी है जीने के लिये,
ज्यादा झुक के चले तो,
दुनिया पीठ को पायदान बना लेती है!
गिरता संभलता
माना कि औरों के मुकाबले, कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने,
लेकिन, खुश हूं कि,
खुद गिरता संभलता रहा, किसी को गिराया नही मैंने!
सलामत लम्हें
कल उम्र ने तलाशी ली,
जो लम्हें जेब से बरामद हुए.
कुछ ग़म के थे,
कुछ नम से थे,
कुछ टूटे हुए थे,
जो सही सलामत मिले,
वो बचपन के थे!
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