Sunday, April 26, 2020

कुछ ना होगा तो तज़रूबा होगा

क्यों डरें ज़िन्दगी में क्या होगा

कुछ ना होगा तो तज़रूबा होगा

हंसती आंखों में झांक कर देखो
कोई आंसू कहीं छुपा होगा

इन दिनों ना-उम्मीद सा हूँ मैं
शायद उसने भी ये सुना होगा

देखकर तुमको सोचता हूँ मैं
क्या किसी ने तुम्हें छुआ होगा

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