उस के बाद तो जो कुछ है वो सब अफ़्साना है
- इफ़्तिख़ार आरिफ़
हम दुनिया से जब तंग आया करते हैं
अपने साथ इक शाम मनाया करते हैं
- तैमूर हसन
इश्क़ में भी सियासतें निकलीं
क़ुर्बतों में भी फ़ासला निकला
- रसा चुग़ताई
जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर
ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की
- जमील मज़हरी
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