तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
बशीर बद्र
तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन
तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ
कुमार विश्वास
रस्मे ग़म किस तरह निभाएं हम
अब कहां जाके दिल लगाए हम
बेरुख़ी, बेनियाज़ी, बेज़ारी
तेरे कितने सितम गिनाएं हम।
कुछ यूं चलेगा तेरा मेरा रिश्ता उम्र भर,
मिल गए तो बातें लंबी,
ना मिले तो यादें लंबी।
कुछ तो बात होगी तेरे खारेपन में ए समुंदर,
वरना हर मीठी नदी की मंज़िल तू ना होता ।
ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर चले जाते।
तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत
हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं
इमाम बख़्श
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको।
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है।
साहिर लुधियानवी
सारी दुनिया तेरी नज़र में है
और तू है कि हर नज़र में है
तुम्हारा याद आना भी कमाल होता है,
कभी आकर देखना क्या हाल होता हैं.
खामोशियां बोल देती है जिनकी बातें नहीं होती
इश्क़ वो भी करते है जिनकी मुलाकातें नहीं होती.
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
मुर्दा-दिल ख़ाक जिया करते हैं
इमाम नासिख़
सभी के नाम नहीं रुकती ये धड़कने,
दिलों के भी कुछ उसूल हुआ करते हैं.
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