इतने तवील ख़्वाब की ता'बीर एक पल
- हारिस बिलाल
एक ही पल में बदलता है नज़ारा सारा
और इस पल के लिए बाक़ी तमाशा सारा
- नवीन जोशी
एक पल के लिए थे वो आए नज़र
उम्र भर दिल पुकारा कि हाए नज़र
- इस्मा हादिया
दो पल के हैं ये सब मह ओ अख़्तर न भूलना
सूरज ग़ुरूब होने का मंज़र न भूलना
- अजमल अजमली
इक पल कहीं रुके थे सफ़र याद आ गया
फूलों को हँसता देख के घर याद आ गया
- फ़ारूक़ बख़्शी
अब भी पल पल जी दुखता है
जैसे सब कुछ अभी हुआ है
- कुमार पाशी
इक पल बग़ैर देखे उसे क्या गुज़र गया
ऐसे लगा कि एक ज़माना गुज़र गया
- अदीम हाशमी
पल पल काँटा सा चुभता था
ये मिलना भी क्या मिलना था
- नासिर काज़मी
मुझे एहसास ये पल पल रहा है
कि मेरे सर से सूरज ढल रहा है
- अब्दुल वहाब सुख़न
यहाँ हर शख़्स हर पल हादसा होने से डरता है
खिलौना है जो मिट्टी का फ़ना होने से डरता है
- राजेश रेड्डी
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