क्यों तूने मेरी यादों को बुला लिया
क्यों मेरे चैन को बेचैनी में बदल दिया
जानता है तू, तू मेरा हमराज है
तूने मेरे दुश्मन को क्यों भुला लिया
तुझे मालूम है यादें मेरी दुश्मन है
सुकून में था तेरे साथ गम बांट कर
अब डर लगता है कि तू भी बेपर्दा ना कर दे
अपने वीराने पन से ख़फा था आज,
क्यों तूने मेरी यादों को बुला लिया....
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