Thursday, December 3, 2020

अपनों का प्यार वही

अपनों का प्यार वही, परायों के तंज वही,
कमरा भी वही, दर-ओ-दीवारों के रंग वही,
हकीकत तन्हाइयों की कुछ भी हो "परस्तिश"
ख्वाबों, ख्यालों, की महफ़िल मे है संग वही! 

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