Tuesday, December 22, 2020

बस एक एहसास से हम तेरे हैं !

"ये कहाँ की रीत है, जागे कोई सोए कोई,
रात सबकी है, तो सबको नींद आनी चाहिए."

खूबसूरती जिसमे दिखी थी सारे जहा से बढ़कर ,
काश बनाने वाले ने उसमे थोड़ा वफ़ा भी दिया होता..

ना निकाह है, ना फेरे हैं
बस एक एहसास से हम तेरे हैं !

तेरा ख़्याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू...
इक भीड़ से लगी है मेरे दिल के शहर में..

जिंदगी की कसौटी से हर रिश्ता गुजर गया,
कुछ निकले खरे सोने से,कुछ का पानी उतर गया।


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