Tuesday, December 31, 2019

तू दिसम्बर की धूप, सी गायब सी रहती हैं.

मैं यादों की सर्दी मे ठिठुरता सा रेहता हूं.. 
तू दिसम्बर की धूप, सी गायब सी रहती हैं.

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