Friday, December 20, 2019

तुम्हारा इश्क तुम्हारी वफ़ा ही काफ़ी है

"तुम्हारा इश्क तुम्हारी वफ़ा ही काफ़ी है
तमाम उम्र यही आसरा ही काफ़ी है !

जहां कहीं मिलो , मिल के मुस्कुरा देना
ख़ुशी के वास्ते ये सिलसिला ही काफ़ी है

मुझे बहारों के मौसम से नहीं कुछ लेना
तुम्हारे प्यार के रंगीन फिजा ही काफी है...!!"

#अज्ञात

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