Sunday, December 29, 2019

अब समझ लेते हैं मीठे लफ़्ज़ की कड़वाहटें

अब समझ लेते हैं मीठे लफ़्ज़ की कड़वाहटें, 
हो गया है ज़िंदगी का तजरबा थोड़ा बहुत! 

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