Monday, December 9, 2019

ना दूर गई, ना साथ आई!

ना शाम गई, ना रात आई, 
जुबान पे ना वो बात आई!
ठहर गई हो लबों पे जैसे, 
ना दूर गई, ना साथ आई! 

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