Tuesday, December 17, 2019

जिस के साथ न था हम-सफ़र उसी का रहा

ये मैं भी क्या हूँ उसे भूल कर उसी का रहा 
कि जिस के साथ न था हम-सफ़र उसी का रहा 

बहुत सी ख़्वाहिशें सौ बारिशों में भीगी हैं 
मैं किस तरह से कहूँ उम्र भर उसी का रहा 

-अहमद फ़राज़

No comments: