Saturday, December 7, 2019

*हसरतों के सिक्के लिए, उजाले ख़रीदने निकले थे हम

*हसरतों के सिक्के लिए, उजाले ख़रीदने निकले थे हम!!*

*उम्र की पहली गली में ही ज़िम्मेदारियों ने लूट लिया...*

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