Wednesday, December 25, 2019

चराग़ों को आँखों में महफूज़ रखना

चराग़ों को आँखों में महफूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी

मुसाफ़िर हो तुम भी, मुसाफ़िर हैं हम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी

~ बशीर बद्र

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