Monday, May 5, 2025

हास्य रस (Humouros Shayari)

 ये संगमर्मर सा तराशा गोरा बदन,

बूँद   बूँद   पिघल्ता  शबाब.

होठों से लगा के देखो कशिश कैसी है,

कम्बख्त ये "आइस-क्रीम" चीज़ ही ऐसी है । 

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