Tuesday, May 6, 2025

हम आप की आँखों में इस दिल को बसा दें तो

 हम आप की आँखों में इस दिल को बसा दें तो

हम मूँद के पलकों को इस दिल को सज़ा दें तो

इन ज़ुल्फ़ों में गूंथेंगे हम फूल मोहब्बत के
ज़ुल्फ़ों को झटक कर हम ये फूल गिरा दें तो

हम आप को ख़्वाबों में ला ला के सताएँगे
हम आप की आँखों से नींदें ही उड़ा दें तो

हम आप के क़दमों पर गिर जाएँगे ग़श खा कर
इस पर भी न हम अपने आँचल की हवा दें तो

Sahir Ludhianvi

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