Tuesday, May 6, 2025

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

 जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई

दिल की दिल में ही रही बात न होने पार्ड

- शकील बदायूंनी

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वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो

- मोमिन ख़ाँ मोमिन

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अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ

तिरे इश्क़ में हम ने क्या कया न देखा

- ख़्वाजा मीर दर्द

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कब हँसा था जो ये कहते हो कि रोना होगा
हो रहेगा मिरी क़िस्मत में जो होना होगा
- अज्ञात

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