जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पार्ड
- शकील बदायूंनी
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वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो
- मोमिन ख़ाँ मोमिन
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अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ
तिरे इश्क़ में हम ने क्या कया न देखा
- ख़्वाजा मीर दर्द
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कब हँसा था जो ये कहते हो कि रोना होगा
हो रहेगा मिरी क़िस्मत में जो होना होगा
- अज्ञात
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