मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती
हमारे दरमियान ये फ़ासले, कैसे निकल आए
- ख़ालिद मोईन
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें
- अज्ञात
सरहदें अच्छी कि सरहद पे न रुकना अच्छा
सोचिए आदमी अच्छा कि परिंदा अच्छा
- इरफ़ान सिद्दीक़ी
रौशनी बांटता हूं सरहदों के पार भी मैं
हम-वतन इस लिए ग़द्दार समझते हैं मुझे
- शाहिद ज़की
शहर-ए-लाहौर से कुछ दूर नहीं है देहली
एक सरहद है किसी वक़्त भी मिट सकती है
- अज्ञात
जैसे दो मुल्कों को इक सरहद अलग करती हुई
वक़्त ने ख़त ऐसा खींचा मेरे उस के दरमियान
- मोहसिन ज़ैदी
हमारा ख़ून का रिश्ता है सरहदों का नहीं
हमारे ख़ून में गंगा भी चनाब भी है
- कंवल ज़ियाई
सरहदें रोक न पाएंगी कभी रिश्तों को
खुशबुओं पर न कभी कोई भी पहरा निकला
- अज्ञात
दिलों के बीच न दीवार है न सरहद है
दिखाई देते हैं सब फ़ासले नज़र के मुझे
- ज़फ़र सहबाई
ज़मीं को ऐ ख़ुदा वो ज़लज़ला दे
निशां तक सरहदों के जो मिटा दे
- परवीन कुमार अश्क
शब के सन्नाटे में ये किस का लहू गाता है
सरहद-ए-दर्द से ये किस की सदा आती है
- अली सरदार जाफ़री
कुछ तो हो रात की सरहद में उतरने की सज़ा
गर्म सूरज को समुंदर में डुबोया जाए
- शाहिद कबीर
सरहद-ए-ग़ैब तक तुझे साफ़ मिलेंगे नक़्श-ए-पा
पूछ न ये फिरा हूं मैं तेरे लिए कहां कहां
- फ़िराक़ गोरखपुरी
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