Friday, May 16, 2025

सरहद (शायरी, शेर)

मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती

हमारे दरमियान ये फ़ासले, कैसे निकल आए

- ख़ालिद मोईन

उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता

जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें

- अज्ञात

सरहदें अच्छी कि सरहद पे न रुकना अच्छा

सोचिए आदमी अच्छा कि परिंदा अच्छा

- इरफ़ान सिद्दीक़ी

रौशनी बांटता हूं सरहदों के पार भी मैं

हम-वतन इस लिए ग़द्दार समझते हैं मुझे

- शाहिद ज़की

शहर-ए-लाहौर से कुछ दूर नहीं है देहली

एक सरहद है किसी वक़्त भी मिट सकती है

- अज्ञात

जैसे दो मुल्कों को इक सरहद अलग करती हुई

वक़्त ने ख़त ऐसा खींचा मेरे उस के दरमियान

- मोहसिन ज़ैदी

हमारा ख़ून का रिश्ता है सरहदों का नहीं

हमारे ख़ून में गंगा भी चनाब भी है

- कंवल ज़ियाई

सरहदें रोक न पाएंगी कभी रिश्तों को

खुशबुओं पर न कभी कोई भी पहरा निकला

- अज्ञात

दिलों के बीच न दीवार है न सरहद है

दिखाई देते हैं सब फ़ासले नज़र के मुझे

- ज़फ़र सहबाई

ज़मीं को ऐ ख़ुदा वो ज़लज़ला दे

निशां तक सरहदों के जो मिटा दे

- परवीन कुमार अश्क

शब के सन्नाटे में ये किस का लहू गाता है

सरहद-ए-दर्द से ये किस की सदा आती है

- अली सरदार जाफ़री

कुछ तो हो रात की सरहद में उतरने की सज़ा

गर्म सूरज को समुंदर में डुबोया जाए

- शाहिद कबीर

सरहद-ए-ग़ैब तक तुझे साफ़ मिलेंगे नक़्श-ए-पा

पूछ न ये फिरा हूं मैं तेरे लिए कहां कहां

- फ़िराक़ गोरखपुरी


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