आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
अपनी ही तेग़-ए-अदा से आप घायल हो गया, चाँद ने पानी में देखा और पागल हो गया!
Post a Comment
No comments:
Post a Comment