Monday, October 14, 2019

कुछ इश्क़ किया, कुछ काम किया

हम जीते जी मसरूफ़ रहे
कुछ इश्क़ किया, कुछ काम किया
काम इश्क़ के आड़े आता रहा
और इश्क़ से काम उलझता रहा
फिर आखिर तंग आ कर हमने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया

~ फैज़ अहमद फैज़

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