आशु तो कुछ भी नहीं आसूँ के सिवा, जाने क्यों लोग इसे पलकों पे बैठा लेते हैं।
फ़कत माल - जर -ए - दीवार - ओ - दर अच्छा नहीं लगता, जिस घर में बच्चॆ नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता!
Post a Comment
No comments:
Post a Comment