ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो!
-Galib
(ज़ाहिद - सांसारिक प्रपंचों आदि से दूर रहकर भगवत् भजन करनेवाला व्यक्ति)
मस्जिद ख़ुदा का घर है, कोई पीने की जगह नहीं ,
काफिर के दिल में जा, वहाँ पर ख़ुदा नहीं!
-Iqbal
काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर वहाँ पर जगह नही,
खुदा मौजूद है वहा भी, काफिर को पता नहीं!
-Faraz
खुदा तो मौजूद दुनिया में कही भी जगह नही,
तू जन्नत में जा वहाँ पीना मना नहीं ”
-Wasi
“पीता हूँ ग़म-ए-दुनिया भुलाने के लिए अौर कुछ नही,
जन्नत में कहाँ ग़म है वहाँ पीने में मजा नहीं”
-Saqi
“हम पीते हैं मज़े के लिए, बेवजह बदनाम गम है,
पुरी बोतल पीकर देखों, फिर दुनिया क्या जन्नत से कम है!
-Sharabi
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